देहरादून से अनीता तिवारी की रिपोर्ट –
voting uttarakhand आपने ये तो सुना होगा कि दूल्हा चुनकर दुल्हन डोली बैठती है लेकिन देवभूमि में सरकार चुनने के लिए महिलाएं डोली में बैठेंगी वो भी गर्भवती , जी हाँ ये योजना तैयार की है हेल्थ डिपार्टमेंट ने ताकि लोकतंत्र के महापर्व में कोई वोटर अपने अधिकार से वंचित न रह जाए। लोकसभा इलेक्शन के प्रथम चरण यानी कि 19 अप्रैल को 5 लोकसभा सीटों पर मतदान किया जा रहा है , चुनाव आयोग ने मतदान की प्रतिशत को बढ़ाने के लिए सभी प्रकार के कदम उठाए हैं जिस्म की मतदाता जागरूकता के कार्यक्रमों से लेकर मतदान के दिन तक मतदाताओं की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया है। मतदान को बढ़ावा देने के लिए इस बार निर्वाचन आयोग की ओर से कई नए तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे .
स्वास्थ्य विभाग की शानदार पहल का स्वागत voting uttarakhand
चुनाव आयोग ने इस बार 85 प्लस और दिव्यांग मतदाता जैसे स्पेशल एबिलिटी वाले लोगों के लिए अपने घरों से ही मतदान करने की व्यवस्था सुनिश्चित की है . इस बार सबसे बड़ी बात गर्भवती महिलाओं के लिए भी मतदान के दिन निर्वाचन आयोग डोली की सुविधा करने जा रहा है मैदानी इलाकों की अपेक्षा दुर्गम रास्तों पर अब गर्भवती महिलाएं पैदल वोट देने नहीं जाएंगे बल्कि इलेक्शन कमीशन ने स्वास्थ्य विभाग की मदद से डोली की व्यवस्था कराई जाने का निर्णय लिया है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम ने बताया कि प्रदेश में मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य महानिदेशक को गर्भवती महिलाओं के लिए डोली की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए गए हैं…स्वास्थ्य विभाग ने हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर को छोड़कर अन्य जिलों में गर्भवती महिलाओं के लिए डोली सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह ने हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिलों को छोड़कर अन्य सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि गर्भवती महिला मतदाताओं को मतदान स्थल तक लाने के लिए डोली की व्यवस्था की जाए।
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