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New Crime Laws : नए कानून दंड नहीं न्याय देंगे - अभिनव कुमार , डीजीपी - Shining uttarakhand

New Crime Laws : नए कानून दंड नहीं न्याय देंगे – अभिनव कुमार , डीजीपी

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New Crime Laws भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के देहरादून स्थित पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने  पुलिस मुख्यालय के सरदार पटेल भवन में एक जुलाई 2024 से लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 विषय पर मीडिया कार्यशाला ’वार्तालाप’ का आयोजन किया है। वार्तालाप के मुख्य अतिथि रहे उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक अभिनव कुमार वहीँ कार्यक्रम में पीआईबी की महानिदेशक प्रज्ञा पालीवाल गौड़ भी मौजूद रहीं। इस मौके पर पत्रकारों को तीन नए कानूनों पर वक्ताओं द्वारा जानकारी दी गई।

 

⁠तीन नए कानूनों पर पुलिस मुख्यालय में मंथन New Crime Laws

New Crime Laws

वार्तालाप में पीआईबी नई दिल्ली की महानिदेशक ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया को इन तीन नए कानूनों के बारे में विस्तृत चर्चा के लक्ष्य के साथ उत्तराखंड पुलिस के सहयोग से वार्तालाप कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि इन तीन नए कानूनों का लक्ष्य किसी को दंड देना नहीं , अपितु न्याय देना है। उन्होंने कहा कि नए कानूनों को देश की सेना के मध्यनजर सशक्त बनाया गया है। साथ ही कानून पूर्णतः नागरिकों पर केंद्रीत है, जिसमें महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराधों को व्यापकता के साथ बनाना गया है। डीजी पीआईबी ने कहा कि इन कानूनों से न्याय से जुड़ी हर प्रणाली को जवाबदेह बनाया गया है।

नए आपराधिक कानूनों में काफी बदलाव – डीजीपी

वार्तालाप को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक  अभिनव कुमार ने कहा कि संसद द्वारा पारित इन तीन नए कानूनों के माघ्यम से पहली बार व्यापक बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये तीन नए कानून क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के मुख्य अंग पुलिस, अभियोजन, जेल प्रणाली और न्यायपालिका को प्रभावित करेंगे। डीजीपी ने बताया कि नए आपराधिक कानूनों में काफी बदलाव किए गए हैं। जैसे भारतीय न्याय संहिता में 190 छोटे- बड़े बदलाव किए गए हैं। साथ ही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 360 छोटे-बड़े बदलाव किए गए हैं। भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 45 बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने अपने सभी अधिकारियों और पुलिस बल को इन कानूनों का प्रशिक्षण देना आरंभ कर दिया है।

प्लान आफ एक्शन तैयार किया है – अभिनव कुमार

डीजीपी ने बताया कि राज्य स्तर पर कानूनों को लागू करने के छह समितियों का गठन किया गया है। ये समितियां हैं जनशक्ति समिति , प्रशिक्षण समिति , सीसीटीएनएस समिति, इंफ्रास्ट्रक्चर समिति , पुलिस मैन्युअल समिति और जागरूकता समिति। इन समितियों ने नए कानूनों को लागू करने के लिए प्लान आफ एक्शन तैयार किया है। उन्होंने कहा कि नए कानूनों में फॉरेनसिक जांच को अत्यधिक प्रथमिकता दी गई है, जिससे सटिक और त्वतरित न्याय मिल सके

भारतीय न्याय संहिता में क्या बदला है?


भारतीय दंड संहिता में 511 धाराएं थीं, लेकिन भारतीय न्याय संहिता में धाराएं 358 रह गई हैं। संशोधन के जरिए इसमें 20 नए अपराध शामिल किए हैं, तो 33 अपराधों में सजा अवधि बढ़ाई है। 83 अपराधों में जुर्माने की रकम भी बढ़ाई है। 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान है। छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है।

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