Kutumbari Devi Temple : अम्मा का मंदिर खो गया , उत्तराखंड में तलाश , 1 Great Story

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देहरादून से अनीता तिवारी की रिपोर्ट –

Kutumbari Devi Temple आज हम आपको देवभूमि में लापता एक ऐसे देवी मंदिर की कहानी बता रहे  है जिसको कई सालों से खोजा जा रहा है। लोकमान्यता व प्राचीन कथाओं की मानें तो चंद शासनकाल में द्वाराहाट क्षेत्र में बुजुर्ग महिला धान कुटाई में निपुण थी। उसकी कोई संतान नहीं थी। बेसहारा और धार्मिक प्रवृत्ति वाली ये महिला धान कुटाई से जो पैसे जमा किये थे उससे उन्होंने एक मंदिर बनवाया, जिसे बाद में कुटुंबरी देवी मंदिर के रूप में प्रसिद्धि मिली। यह भी कथा है कि बुजुर्ग महिला जब स्वर्ग सिधार गई तो एक अन्य बेसहारा महिला ने मंदिर में सेवादारी कर जीवन बिताया था।

Kutumbari Devi Temple दादी अम्मा का मंदिर है कुटुंबरी  देवी

Kutumbari Devi Temple file pic
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  • Kutumbari Devi Temple एक मीडिया रिपोर्ट की माने तो पर्यटन और धार्मिक स्थलों की वजह से देवभूमि एक लापता तीर्थस्थल की वजह से सुर्ख़ियों मे आ गयी है। हांलाकि पिछले एक दशक से चल रही खोज में इस लुप्त  मंदिर की असली ज़मीन तक का पता नहीं लगाया जा सका है। उधर स्थानीय एएसआइ दफ्तर ने जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें उम्मीदों की नई रौशनी दिखाई दे रही हैं।
Kutumbari Devi Temple file pic
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  • Kutumbari Devi Temple भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन संरक्षित, लेकिन गायब 24 स्मारकों में से उत्तराखंड का एकमात्र कुटुंबरी देवी मंदिर किसी अचम्भे से कम नहीं। एक्सपर्ट  बताते हैं कि 1950-60 तक द्वाराहाट के कनार क्षेत्र में 16वीं सदी के इस मंदिर के अवशेष मौजूद रहने का जिक्र होता था। लेकिन हकीकत में इस मंदिर का वजूद कहाँ होगा ये आज भी रहस्य बना हुआ है जिसको लेकर कई सालों से पहाड़ के लोगो में उत्सुकता और कौतुहल बना हुआ है।
Kutumbari Devi Temple
Kutumbari Devi Temple
  • Kutumbari Devi Temple एक दौर में जब चकबंदी हुई तो  बेनाप भूमि पर लोगों ने अपने मकान बनाने के साथ खेती बाड़ी  शुरू कर दी थी। कहा जाता है कि उसी दौरान अवशेष के रूप में मौजूद कुटुंबरी मंदिर का वजूद भी लुप्त होता चला गया होगा। समय बीता और आबादी बढ़ने के साथ  ही देवी मंदिर की खोज एक चुनौती बनती गयी। आप सोच रहे होंगे जिस देवी और मंदिर की बात हम कर रहे हैं दरअसल वो कौन हैं और क्या किस्सा है ? तो चलिए बताते हैं।
Kutumbari Devi Temple
Kutumbari Devi Temple

Kutumbari Devi Temple कुटुंबरी देवी मंदिर का वजूद कब तक रहा, अब तक यही स्पष्ट नहीं हो सका है। बुजुर्ग किसी पुराने दौर में मंदिर होने का जिक्र जरूर करते थे। यह दावा करना गलत है कि मंदिर के अवशेष रूपी पत्थर व अन्य सामग्री गांव के घरों में इस्तेमाल की गई है। पूरा द्वाराहाट स्थापत्य कला की दृष्टि से बहुत समृद्ध रहा है। कत्यूरी कालीन मंदिरों में प्रयुक्त पत्थरों जैसे पाषाण खंड जहां तहां बिखरे पड़े हैं। चांचरी यानि चंद्र पर्वत से ही कत्यूरी कालीन मंदिरों के निर्माण को पत्थर निकाले गए थे।

  • Kutumbari Devi Temple भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण इकाई के मुताबिक रिपोर्ट भेजी गयी थी जिसके  फाइनल निरीक्षण का इंतज़ार है जिसके लिए मुख्यालय से अफसरों को दौरा करना है।विभाग के मुताबिक कुटुंबरी देवी मंदिर अस्तित्व में ही नहीं है हांलाकि कहीं कहीं कटस्टोन लगे मिलते हैं। बीते समय में टीम सर्वे में उस स्थल तक पहुंच चुकी है जहां मंदिर का होना बताया जाता है।

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