रेवा परेशानी थी और बेबस भी ideal wife

रेवा की कहानी जानने के लिए आपको लिए चलते हैं पांच साल पहले, जब इस बदलाव की शुरुआत हुई। अपनी परेशानियों से जूझ रही रेवा को साल 2019 में एक सरकारी अधिकारी के जरिए मशरूम के बीज मिले। रेवा ने इन बीजों को अपने घर के एक कोने में उगाया और पूरी मेहनत के साथ इनकी देखभाल करने लगी। रेवा की मेहनत रंग लाई और उसके उगाए गए इन बीजों से पहली खेप में 70 किलो की फसल मिली। अब बारी थी इन्हें बेचने की। रेवा ने इन्हें 250-250 ग्राम के पैकेट में पैक किया और उसकी ये फसल 25 रुपए प्रति पैकेट के हिसाब से 100 रुपए किलो की दर से बिकी। अपनी पहली कमाई से रेवा बहुत खुश थी।
जरूरत थी महिलाओं के उत्पादों की मार्केटिंग की

हर साल 3 लाख रुपए कमा रही हैं रेवा
साल 2023 की शुरुआत में मुंबई में एक मेला लगा, जहां इन महिलाओं ने अपने उत्पाद बेचकर 2 लाख रुपए की कमाई की। ऐसा पहली बार था, जब उधमपुर के इस टिकरी गांव की महिलाएं अपने घर-आंगन से रोजगार के लिए बाहर निकलीं थी। हालांकि, अब उनके उत्पादों की बिक्री दूसरे राज्यों में भी होने लगी है। अपने पति को ही नौकरी देने वाली रेवा खुद भी हर साल 3 लाख रुपए महीना कमाती हैं। रेवा समाज में बदलाव का एक बड़ा चेहरा बन चुकी हैं ये कहानी बताती है कि समाज में आगे बढ़ने का ज़ज़्बा रखने वाली बीवी को पति मौक़ा और हौसला दोनों दे तो वो पुरे परिवार की किस्मत भी संवार सकती देश में मिसाल भी बन सकती है।