women’s day 2022 : मायूस बुजुर्गों को नया जीवन दे रही उत्तराखंड की दयावान बिटिया ज्योति रौतेला

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women’s day 2022 वो देवभूमि उत्तराखंड की वो बिटिया है , जिसके मन में स्नेह और अपनत्व का सागर उमड़ता है , वो मुस्कुराते हुए भावुकता से जब किसी बुजुर्ग के उदास आंखों में झांकती है तो उम्मीद की रोशनी बन जाती है। वो नाम से ही नहीं काम से भी ज्योति हैं जिसको पहाड़ ज्योति रौतेला के नाम से पुकारता है।

women’s day 2022  मशहूर है बिटिया ज्योति का आशियाना

पहाड़ों पर हरियाली और मन मोहने वाली प्रकृति के किस्से तो आपने खूब सुने, पढ़े और देखे हैं,  लेकिन राष्ट्रीय महिला दिवस पर हम आपको मिलवाने जा रहे हैं देवभूमि उत्तराखंड की एक ऐसी बिटिया से जिसने एक दो चार छह नहीं दर्जनों असहाय बुजुर्गों को अपना कर उन्हें घर परिवार देते हुए एक अनोखा आशियाना सजाया है ।
आशियाना में ज्योति ने बसाई है बुजुर्गों की खुशियां
आशियाना में ज्योति ने बसाई है बुजुर्गों की खुशियां
women’s day उम्र का एक पूरा पड़ाव पार कर चुके बुर्जुगों के लिए पहाड़ पर बची ज़िंदगी काटना बेहद कठिन होता है। इसके पीछे तर्क ये है कि दो दशक के बाद भी आज पहाड़ में रोजगार और दो जून की रोटी का इंतजाम करना बेहद मुश्किल चुनौती है। रोजगार के लिए युवा पहाड़ को छोड़कर दूर जा चुके हैं और पहाड़ पर अकेले और बेसहारा रह गए बुर्जुगों के लिए मुसीबतें किसी बुरे सपने से कम नहीं है। अकेले और बेसहारा बुर्जुगों की इसी तकलीफ को देखते हुए पहाड़ की बेटी ज्योति रौतेला ने  कुछ साल पहले एक भावुक फैसला किया और प्रतिज्ञा ली कि किस बुजुर्ग को अकेलेपन का जीवन दंश नहीं झेलने देंगी ऐसे में  उन बुजुर्गों के लिए ज्योति बन कर उजाला करते हुए ज्योति रौतेला ने एक महाअभियान शुरू किया जिन्हें या तो अपनों ने ठुकरा दिया है या आज वो एकाकी जीवन जीने को विवश और लाचार हो चुके हैं , उन्हें आशियाना देने का…..
रहन सहन खानपान और स्वास्थ्य की आशियाना में है पूरा इंतेज़ाम
रहन सहन खानपान और स्वास्थ्य की आशियाना में है पूरा इंतेज़ाम

  women’s day पहाड़ में आज ये आशियाना नाउम्मीदी के अंधेरे को पीछे धकेलते हुए घर आंगन बन कर झुर्रियों और धंसी आंखों के लिए जीने की चाहत बन चुका है । उत्तराखंड के लैंसडाउन में चलने वाले इस अभियान में ज्योति रौतेला और उनकी टीम ने खूबसूरत ओल्ड एज होम बनाए हैं, जहां वो बेसहारा बुर्जुगों को अपने हांथों से हर वो सौगात दे रही हैं जिसके रोशनी में इन मुरझाये चेहरों पर संतोष की चमक साफ नजर आती है ।

राजनीति के साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी निभाती है ज्योति
राजनीति के साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी निभाती है ज्योति
आज भले ही ज्योति रौतेला भारतीय राजनीति में सक्रिय ज़िम्मेदारी निभाते हुए अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में उत्तराखंड की महिला प्रदेश अध्यक्ष बन चुकी है ,लेकिन अपने मकसद को ज्योति हमेशा अपनी ज़िम्मेदारी के साथ बराबरी से आगे बढ़ती है।  2015 में इस अभियान की नींव रखने वाली ज्योति ने आशियाना वृद्धाश्रम नाम से एक अनोखी पहल की जहाँ आज लगभग सौ से अधिक बुर्जुग रहते हैं। निःस्वार्थ भाव से बीते कई साल से उत्तराखंड के तमाम जिलों में अपनी समाजसेवी छवि से अलग पहचान बनाने वाली ज्योति ओल्ड एज होम में रहने वाले निराश्रित बुजुर्गों के लिए अपनी पूरी टीम के साथ  रहने, खाने, मनोरंजन और देखभाल का पूरा ध्यान रखती हैं। बीते कुछ सालों में ही ज्योति का आशियाना उत्तराखंड के अलग अलग जिलों से आने वाले बेसहारा बुजुर्गों के लिए उम्मीद की एक रोशनी बन चुका है। women’s day पर आपको आज हम ज्योति और उनके सहयोगियों ने जिस अपनेपन से इस अनोखी दुनिया को दिखा रहे है। यहां रहने वाले नाउम्मीदी में जीने वाले बुजुर्ग आज बेहद खुश रहते हैं।
ज्योति रौतेला कांग्रेस पार्टी की महिला प्रदेश अध्यक्ष भी हैं
ज्योति रौतेला कांग्रेस पार्टी की महिला प्रदेश अध्यक्ष भी हैं
खास बात ये भी है कि इन बुजुर्गों को अपनेपन का अहसास न हो इसके लिए ज्योति उनके साथ तीज-त्योहार भी मनाती हैं और लगातार उनसे मिलने भी आती हैं। ज्योति बुर्जुगों के साथ बतियाते हुए उन्हीं के रंग में नज़र आती है और उनसे घंटो अतीत की कहानियां भी सुनती हैं और आने वाले कल के लिए उम्मीद भी जगाती हैं। उनके वृद्धाश्रम में रोजाना सुबह सभी को योगा कराया जाता है। उनकी छोटी-बड़ी जरूरतों का भी पूरा ख्याल रखा जाता है। आश्रम की कोशिश ये भी होती है कि जो बुर्जुग परिवार से बिछड़ गए हैं या उनके परिजनों ने उन्हें त्याग दिया है, उन्हें दोबारा परिवार से मिलाया जाए। ज्योति का ये छोटा सा प्रयास बुर्जुगों के लिए बेहद कारगर प्रयास साबित हो रहा है।
women’s day पर शाइनिंग उत्तराखंड न्यूज़ ऐसी हर दिल अजीज पहाड़ की बिटिया के हौसले को सलाम करता है और लोगों को ज्योति रौतेला जैसा बनने की उम्मीद करता है।
ये खबर भी पहाड़ से है – मिलिये नरेंद्र सिंह नेगी के अतीत से https://www.shininguttarakhandnews.com/narendra-singh-negi-biography/
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