Shakeela Bano Bhopali हिंदुस्तान में कला के क्षेत्र में ऐसी कई हस्तियां हुई हैं, जिन्होंने अपने हुनर से देश दुनिया में खूब शोहरत पाईं। इन्हीं में से एक हैं झीलों की नगरी में जन्मी शकीला बानो भोपाली। शकीला बानो देश की पहली महिला कव्वाल थीं। इन्होंने कव्वाली के क्षेत्र में कभी न भुला सकने वाला योगदान दिया। उनके पिता और चाचा अच्छे शायर थे। उनका बचपन भी शेर-शायरियों के बीच बीता। यही वजह है कि धीरे-धीरे उनका झुकाव इस ओर होता चला गया। शकीला की कव्वाली के दीवाने देश में ही नहीं, बल्कि विदेश में भी खूब हैं। उन्होंने इंग्लैंड, कुवैत व अफ्रीकी देशों में कई प्रस्तुतियां दीं। शकीला बानो भोपाली का जन्म 16 दिसंबर, 1942 को मध्य प्रदेश के भोपाल में हुआ था। आइये जानते हैं इस महिला कव्वाल की कहानी –
पुरुष प्रधान कव्वाली को दी महिला की आवाज़ Shakeela Bano Bhopali
वो शकीला बानो भोपाली ही थी जिसने उस दौर में पुरुष प्रधान कव्वाली को महिला की आवाज़ देने का बीड़ा उठाया। उन्होंने कव्वाली को एक नया रूप दिया, जिसकी कल्पना शायद ही किसी मर्द कव्वाल ने की होगी। आज़ाद भारत का ये वो दौर था जिसमें महिलाओं पर सख्त पाबंदी हुआ करती थी। घर से बाहर निकलना तो मानों ख्याली पुलाव की तरह था। इसके बावजूद शकीला ने शायरी और कव्वाली के प्रति अपने प्रेम को दुनिया के सामने रखा और भारत की पहली महिला कव्वाल के रूप में शोहरत पाईं। शकीला बानो को आसानी से उनके परिवार और समाज ने स्वीकार नहीं किया था। पहली महिला कव्वाल बनने की उनकी यात्रा काफी संघर्षों से भरी थी। पुरुष प्रधान कव्वाली के उस दौर में एक महिला की आवाज़ का जमकर विरोध हुआ। घर में उन्हें जान से मारने की धमकी तक दे दी गई। मगर इसके बावजूद उन्होंने कव्वाली को अपनी आवाज़ दी और लोगों का दिल जीतने में कामयाब रहीं।
बॉलीवुड ने भी शकीला को दिया खूब सम्मान
कव्वाली की दुनिया में अपने नाम कमाने वाली शकीला बानो भोपाली की आवाज का जादू बॉलीवुड में भी खूब चला। उन्होंने कई फिल्मी गानों को अपनी आवाज दीं। बॉलीवुड के ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार भी शकीला के जबरदस्त फैन थे। शकीला ने ने कई फिल्मों में अभिनय भी किया था। वर्ष 1971 में उनकी कव्वाली का पहला एलबम आया, जिसने उन्हें देशभर में पहचान दिलाने का काम किया।