maharaj on curruption : उत्तराखंड में धार्मिक पाप – ये है मामला , 1 Dirty Crime

Shining Uttarakhand News

देहरादून से अनीता आशीष तिवारी की रिपोर्ट – 

maharaj on curruption उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा में भ्रष्टाचार की बड़ी घटना सामने आई है । जिसको लेकर उत्तराखंड के पर्यटन और धर्मार्थ कार्य मंत्री सतपाल महाराज ने सख्त नाराजगी जाहिर की है।  उन्होंने कहा है कि विश्व की मशहूर चारधाम यात्रा में इस तरह के भ्रष्टाचार को सरकार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी और इस तरह की शर्मनाक हरकत को करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। मंत्री सतपाल महाराज ने बद्रीनाथ जिला पंचायत अध्यक रजनी भंडारी मामले में अपनी सख्त टिप्पणी देते हुए नाराजगी जाहिर की है।

maharaj on curruption धार्मिक यात्रा में घपला शर्मनाक

maharaj on curruption
maharaj on curruption

maharaj on curruption आपको बता दें कि मंत्री सतपाल महाराज ने आरोप के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष की मिलीभगत से टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार हुआ है।  नंदा राजजात जैसी धार्मिक और पवित्र यात्रा जिसमें श्रद्धालु दान देते हैं उसकी टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी और मिलीभगत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मामले की गंभीरता को देखते हुए ही सरकार ने चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को पदच्युत किया है। धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि नंदा राजजात जैसी धार्मिक और पवित्र यात्रा जिसमें श्रद्धालु दान देते हैं उसकी टेंडर प्रक्रिया में मिलीभगत से हेराफेरी और घपलेबाजी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। पूरे प्रकरण की जांच के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए ही सरकार ने चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भण्डारी को उनके कार्यकाल के दौरान हुई अनियमितता के लिए उन्हे पद से हटाया है।

maharaj on curruption
Minister Maharaj Action

maharaj on curruption पंचायतीराज मंत्री  महाराज ने कहा कि 2012-13 में नंदा देवी राजजात यात्रा के कार्यों के लिए टेंडर कमेटी द्वारा न्यूनतम दर वाली फर्म की निविदाओं को स्वीकृत किए जाने की संस्तुति की थी जिसे नजर अंदाज करते हुए तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी ने अधिक दर वाली फार्म की निविदाओं को स्वीकृति देने के साथ ही उससे काम भी करवा लिया गया। 2013 में जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने के बाद जब मामला उजागर हुआ तो उस दौरान मुख्य प्रशासक के रूप में तैनात जिलाधिकारी चमोली ने मामले का संज्ञान लेते हुए टेंडर प्रक्रिया में खामियों को स्वीकार किया। अब चूंकि आवंटित कार्य पूरा किया जा चुका था इसलिए उन्होंने कार्यदायी फर्म को स्पष्ट कहा कि जो न्यूनतम रेट टेंडर कमेटी ने तय किए थे उससे अधिक की दर पर किसी भी सूरत मैं भुगतान नहीं होगा क्योंकि यह टेंडर कि गलत हुआ है।

maharaj on curruption
maharaj on curruption

maharaj on curruption मिनिस्टर महाराज ने कहा कि जब कार्य का भुगतान न्यूनतम दरों पर ही किया जाना था तो निविदा प्रक्रिया के दौरान न्यूनतम दरों पर काम करने वाले फर्म को कार्य का टेंडर आवंटित न कर, ऊंची दरों पर कार्य करने वाली फर्म को टेंडर देकर उसे न्यूनतम दरों का भुगतान किया जाना जिला पंचायत अध्यक्ष की मिलीभगत व भ्रष्टाचार नहीं तो और क्या है? टेंडर प्रक्रिया में जिस प्रकार से घालमेल हुआ है उससे स्पष्ट है कि भले ही इसमें वित्तीय अनियमितता न हुई हो लेकिन न्यूनतम दरों पर काम करने वाली फार्म के हितों का अतिक्रमण तो हुआ ही है। इतना ही नहीं यह नियमों की अनदेखी और व्यक्तिगत लाभ को भी स्पष्ट दर्शाता है। इसलिए जिला पंचायत अध्यक्ष का यह कहना सरासर गलत है कि उन्हें इस प्रकरण में क्लीन चिट मिली हुई है।

ShiningUttarakhandNews

We are in the field of Electronic Media from more than 20 years. In this long journey we worked for some news papers , News Channels , Film and Tv Commercial as a contant writer , Field Reporter and Editorial Section.Now it's our New venture of News and Informative Reporting with positive aproch specially dedicated to Devbhumi Uttarakhand and it's glorious Culture , Traditions and unseen pictures of Valley..So plz support us and give ur valuable suggestions and information for impressive stories here.

One thought on “maharaj on curruption : उत्तराखंड में धार्मिक पाप – ये है मामला , 1 Dirty Crime

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *