History of Mughal : जनाब ये है मुल्ला दो प्याजा , 1 Amazing World

Shining Uttarakhand News

History of Mughal मुल्ला-दो-प्याजा मुगलिया सल्तनत का ऐसा इंसान रहा जिसके नाम और काम को लेकर लोगों में सबसे ज्यादा दिलचस्पी रही. मुगल बादशाह अकबर के नवरत्नों में शामिल मुल्ला-दो-प्याजा का असली नाम बहुत कम लोग जानते हैं. इनका असली नाम था अब्दुल हसन. स्कूल मास्टर के बेटे अब्दुल हसन का ज्यादातर समय किताबें पढ़ने में बीतता था, लेकिन कभी भी साधारण जीवन जीना मंजूर नहीं रहा. अपनी इसी महत्वकांक्षा के कारण अकबर के नवरत्नों के बीच जगह बनाने की पूरी कोशिश की और सफल भी रहे.

History of Mughal
History of Mughal
  • History of Mughal अब्दुल हसन ने अकबर का नवरत्न बनने के लिए न जाने कितने पापड़ बेले. कई महीनों की मशक्कत के बाद शाही परिवार के मुर्गीखाना के प्रभारी बने. पढ़े-लिखे होने के बावजूद हसन ने यह पद स्वीकार तो कर लिया, लेकिन खुद को लक्ष्य से भटकने नहीं दिया.
History of Mughal
History of Mughal

History of Mughal मुर्गीखाने का वो लेखा-जोखा जिसने सपना सच कर दिया

  • History of Mughal मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब्दुल ने महीनेभर मुर्गियों को वो खाना खिलाया जो शाही रसोई में बच जाता था. इस तरह मुगियों को दिए जाने वाले चारे का खर्च बच गया. मुर्गीखाने में नियुक्ति के एक माह बाद हसन ने लेखा-जोखा पेश किया. उस ब्यौरे में दिखाया गया कि इन्हें पद मिलने के बाद किस हद तक बचत की गई. इनकी इसी खूबी के कारण बादशाह अकबर प्रभावित हुए और हसन को शाही पुस्तकालय का प्रभारी बना दिया.हसन अपनी इस उपलब्धि से खुश नहीं थे, क्योंकि उनका लक्ष्य दरबार के नवरत्नों में शामिल होना था. अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्होंने पुस्तकालय में उस मखमल और जरी के पर्दे बनवाए जो फरियादी बादशाह को तोहफे में देते थे. नियुक्ति के एक साल बाद जब बादशाह अकबर पुस्तकालय गए तो वहां जरी और मखमल के पर्दे को देखकर खुश हो गए. इस घटना के बाद बादशाह अकबर ने उन्हें अपने नवरत्नों में शामिल कर लिया…
History of Mughal
History of Mughal

History of Mughal अब्दुल हसन ऐसे बने मुल्ला-दो-प्याजा

  • History of Mughal अब्दुल हसन अकबर के पिता हुमायूं के जरिए ईरान से भारत पहुंचे थे. हुमायूं ने जब दिल्ली फतह की तो अब्दुल हसन मस्जिद में रहे और वहां के इमाम बन गए. दमदार आवाज होने के कारण चर्चा में रहे. धीरे-धीरे मुगल दरबारियों से इनका मेलजोल बढ़ने लगा. एक दिन इनकी मुलाकात अकबर के नवरत्नों में शामिल फैजी से हुई. दोनों में दोस्ती हुई और नवरत्नों में शामिल होने का इनका ख्वाब सच होने के करीब पहुंचने लगा…..
History of Mughal
History of Mughal
  • History of Mughal एक दिन फैजी ने इन्हें शाही दावत पर बुलाया और मुर्ग गोश्त बनवाया. अब्दुल को पकवान पसंद बनाया और नाम पूछा तो फैजी से उसे मुर्ग दो प्याजा बताया. ये इस कदर उसके दीवाने हुए कि जब भी शाही दावत में बुलाया जाता तो यही बनवाया जाता. इस पकवान में प्याज का खास तरह से इस्तेमाल किया जाता था, यही इसकी खूबी थी.जब मुगल बादशाह ने अब्दुल हसन को शाही बावर्चीखाने की जिम्मेदारी तो उन्होंने अकबर से सामने अपनी देखरेख में बने मुर्ग दो प्याजा को पेश किया. उसका जायका अकबर को इतना पसंद आया कि अब्दुल हसन को ‘दो प्याजा’ की उपाधि से नवाजा. मस्जिद में इमाम रह चुके अब्दुल को मुल्ला भी कहा जाता था. यहीं से इनका नाम मुल्ला-दो-प्याजा पड़ा.

चाचा चौधरी से तेज़ है सीएम धामी का दिमाग -ये देखिये 1 नमूना https://www.shininguttarakhandnews.com/chintan-shivir-dhami/

ShiningUttarakhandNews

We are in the field of Electronic Media from more than 20 years. In this long journey we worked for some news papers , News Channels , Film and Tv Commercial as a contant writer , Field Reporter and Editorial Section.Now it's our New venture of News and Informative Reporting with positive aproch specially dedicated to Devbhumi Uttarakhand and it's glorious Culture , Traditions and unseen pictures of Valley..So plz support us and give ur valuable suggestions and information for impressive stories here.

646 thoughts on “History of Mughal : जनाब ये है मुल्ला दो प्याजा , 1 Amazing World

  1. brand name neurontin [url=https://gabapentinneurontin.pro/#]neurontin brand coupon[/url] generic neurontin cost

  2. Заказал металлическую дверь недавно – качество на высоте и улучшенная защита для моего дома. Монтаж был очень быстрым, а уровень шумоизоляции оказался намного лучше ожидаемого. Внешний вид двери гармонично вписался в фасад здания. Советую к покупке!.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *