Amazing Village of India : देवभूमि में यहाँ नहाती थी परियां – आज भी महकता है 5000 साल पुराना मलारी

Shining Uttarakhand News

Special Story By – Abhilash Khanduri , Dehardun 

इतिहास और परम्पराओं का अनूठा संगम नज़र आता है
इतिहास और परम्पराओं का अनूठा संगम नज़र आता है

Amazing Village of India आज हम आपको ले जा रहे हैं उत्तराखंड के एक ऐसे गाँव में जहाँ इतिहास और परम्पराओं का अनूठा संगम नज़र आता है … गढ़वाल मंडल के चमोली जिले की नीति घाटी में एक गाँव है मलारी……

Amazing Village of India मलारी गाँव के ठीक ऊपर बने जलकुंड को परी कुंड कहा जाता है

 

Amazing Village of India एक वक़्त था जब मलारी की जनसंख्या केवल 649 थी, इसमें 318 पुरुष और 331 महिलाएं शामिल हैं…….. सर्दियों में गाँव के लोग शीतकालीन  6 महीने के लिए अपना घर बार छोड़ कर निचले इलाके के गांवों की तरफ चले जाते हैं……मलारी गांव का अपना पौराणिक महत्त्व  है….. मलारी भारत में तिब्बत सीमा से लगे सीमान्त गांवों में से एक है…… जोशीमठ से नीति-माणा की तरफ जाने वाला एक खूबसूरत पहाड़ी रास्ता मलारी ले जाता है, जोशीमठ से मलारी की दूरी 60 किमी है.इस रास्ते पर जोशीमठ से आगे तपोवन के गर्म पानी के कुंड मिलते हैं….. और आगे बढ़ने पर सलधार की गरम जलधारा उसके ऊपर भविष्यबदरी…. और आगे चलने पर रेणी गाँव में धौलीगंगा व ऋषिगंगा का संगम दिखाई देता है…..

मलारी गांव का अपना पौराणिक महत्त्व  है
मलारी गांव का अपना पौराणिक महत्त्व  है

रेणी गाँव को चिपको आन्दोलन की शुरुआत और गौर देवी के कारण आज दुनिया भर में जाना जाता है. …फिर लाता देवी में उत्तराखण्ड की इष्ट नंदा देवी का भव्य मंदिर मिलता है….. इसके आगे धौलीगंगा के चट्टानों से टकराने से पैदा हुए भापकणों से बना जलकुंड दिखाई देता है…..Amazing Village of India मलारी पहुँचते ही देवदार और भोजपत्र के घने जंगलों के बीच हिडिम्बा देवी का मंदिर है….. कहा जाता है कि हनुमान संजीवनी बूटी द्रोणागिरी पर्वत से ही लेकर गए थे…..समतल चौड़ी पहाड़ी पर बसे मलारी में एक 5000 साल पुराना अखरोट का पेड़ है…. .कहते हैं कि इस पेड़ से चन्दन की सी महक आती है…… लोकल निवासियों की माने तो  पांडव इसी पेड़ के नीचे धनुर्विद्या का अभ्यास किया करते थे……

चौड़ी पहाड़ी पर बसे मलारी में एक 5000 साल पुराना अखरोट का पेड़ है
चौड़ी पहाड़ी पर बसे मलारी में एक 5000 साल पुराना अखरोट का पेड़ है

यहाँ पर हुई खुदाई में पुरातात्विक महत्त्व के पत्थर से बने शवगृह मिले हैं, इन शवों का पुरातात्विक व ऐतिहासिक दृष्टि से विशेष महत्त्व है….. इसके अलावा यहाँ मिट्टी के बर्तन व एक घोड़े का कंकाल भी मिला हैं….. Amazing Village of Indiaइससे निष्कर्ष निकाला जाता है कि प्राचीन काल में यहाँ पर पशुपालक समाज रहा करता होगा. शायद मरने वाले के साथ उसका घोड़ा भी दफना दिया जाता होगा…..

मलारी गाँव के ठीक ऊपर बने जलकुंड को परी कुंड कहा जाता है
मलारी गाँव के ठीक ऊपर बने जलकुंड को परी कुंड कहा जाता है

इतिहासकार इन अवशेषों को चौथी शताब्दी (ई.पू.) से दूसरी शताब्दी (ई.पू.) तक का बताते हैं. यहाँ समुद्री जीवों के भी अवशेष मिले हैं, जिससे अनुमान लगाया जाता है कि कभी यहाँ सागर रहा होगा. यहाँ मिले सोने के मुखौटे से यह भी अनुमान लगाया जाता है कि यहाँ मार्छा जनजाति के लोगों का भी आवास रहा होगा….Amazing Village of India मलारी की मिट्टी पूरे गढ़वाल में बहुत पवित्र मानी जाती है….

समृद्ध मलारी का पांडवनृत्य उत्तराखण्ड के लोकनृत्यों में ख़ास दर्जा रखता है
समृद्ध मलारी का पांडवनृत्य उत्तराखण्ड के लोकनृत्यों में ख़ास दर्जा रखता है

सभी धार्मिक अनुष्ठानों व यज्ञ के लिए इसे विशेष तौर पर मंगवाया जाता है…. विशेष आयोजनों के लिए Amazing Village of India मलारी की मिट्टी सहेज कर रखी जाती है.मलारी गाँव के ठीक ऊपर बने जलकुंड को परी कुंड कहा जाता है. मान्यता है कि कभी इसमें परियां नहाया करती थीं. विशेष मौकों, ख़ास तौर पर रक्षा बंधन के मौके पर यहाँ लोग स्नान किया करते हैं…..सांस्कृतिक रूप से समृद्ध मलारी का पांडवनृत्य उत्तराखण्ड के लोकनृत्यों में ख़ास दर्जा रखता है…..

मलारी की मिट्टी पूरे गढ़वाल में बहुत पवित्र मानी जाती है
मलारी की मिट्टी पूरे गढ़वाल में बहुत पवित्र मानी जाती है

Amazing Village of India यहाँ तक आप आसानी से जा सकते हैं|

हवाई जहाज – निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एअरपोर्ट है| यहाँ से मलारी गावं की दूरी लगभग 332 किलोमीटर हैं यहाँ से आप टैक्सी अथवा कार से आसानी से जा सकते हैं

ट्रेन – निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन हैं यहाँ से मलारी गावं की दूरी लगभग 312 किलोमीटर हैं

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