Women Rafting बहादुरी , चुनौती और लक्ष्य के प्रति जुनून से भरी लेडीज़ स्पेशल टीम गंगा की धारा में दौड़ने पहली बार लहराती इठलाती जलधारा में उतरी हैं , हम बता रहे हैं बीएसएफ और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की महिला राफ्टिंग टीम के बारे में जो पहली बार देवप्रयाग संगम से गंगा सागर की यात्रा पर निकली। स्वच्छ गंगा अविरल गंगा व महिला सशक्तिकरण का संदेश देते अभियान को बीएसएफ के महानिरीक्षक राजा बाबू सिंह ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। गंगासागर तक के 2500 किलोमीटर के साहसिक अभियान में राफ्टिंग दल देवप्रयाग से पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर की दूरी 53 दिन में तय करेगा। अभियान का समापन 24 अक्टूबर को होगा।
बीएसएफ की महिला राफ्टिंग अभियान की हुई शुरुआत Women Rafting
इस अवसर पर बीएसएफ के आईजी राजा बाबू सिंह ने कहा कि यह भारत की पहली महिला टीम है जो इस तरह के साहसिक कार्यक्रम का हिस्सा बनी है। देश में महिला सशक्तिकरण की पहचान इस अभियान में बीस महिला जवान शामिल हैं ।जिन्हाेंने इसके लिए छह हफ्तों का विशेष प्रशिक्षण लिया है। उन्होंने कहा कि गंगा भारत की पवित्र नदी है इसको स्वच्छ व अविरल रखना हमारा संकल्प है। उन्होंने इसे अपना सौभाग्य बताते हुए कहा कि 2015 में आईटीबीपी ने देवप्रयाग से राफ्टिंग की शुरुआत की थी और पहली बार बीएसएफ की महिला राफ्टिंग अभियान की शुरुआत करने का अवसर उन्हें मिला है।
दो राफ्टों के साथ चलने वाले इस अभियान में गंगा तट से लगे 43 नगरों में स्वच्छ गंगा अविरल गंगा का संदेश भी नई पीढ़ी को दिया जायेगा। 24 दिसम्बर तक चलने वाले अभियान में सुरक्षा की दृष्टि से द्वितीय कमान अधिकारी मनोज सुंदरियाल की अगुवाई में भी एक टीम साथ चलेगी। अभियान की शुरुआत पर रघुनाथ परिसर के छात्रों द्वारा स्वस्ति वाचन भी किया गया।
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