Teacher Viral Video हमारे देश में लेटलतीफी एक बड़ी बिमारी है। डॉक्टर्स ,फसर, टीचर या किसी भी दफ्तर के बाबू हों समय पर कोई नहीं आता है। ये जानते भी सब है और एडजस्ट भी कर लेते हैं। लेकिन एक मास्टर जी को यही दुखड़ा वीडियो बनाकर रोना भारी पड़ गया क्या है पूरा मसला आपको बताते है।
क्या है इस वीडियो में मास्टर जी का दुःख Teacher Viral Video
रेलवे गेट पर खड़े हैं और आप कहोगे समय से स्कूल आइए. कैसे आ पाऊंगा बताओ. अरे इन सब चीजों का ध्यान क्यों नहीं रखते हो. आईएएस हैं, बड़े कमीशन पास किए हैं. मैनेजमेंट अच्छा आता है, टाइम मैनेजमेंट अच्छा आता है पेशेंस मैनेजमेंट अच्छा आता है. तो परिस्थितियों को क्यों नहीं समझते हैं.’ यह बोल है बिहार के जमुई जिले के एक शिक्षक के जहां एक शिक्षक ने अपनी दुख भरी दास्तां बयां की है.उसे कैसे स्कूल आने में देरी होती है इस बारे में शिक्षक ने बताया है. जमुई के कलेक्टर ने सभी लोगों को समय से स्कूल आने के लिए आदेश दिए थे. तो शिक्षक ने बताया की कई कारण होते हैं जिन वजहों से स्कूल आने के लिए देरी होती है. शिक्षक का यह वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर काफी वायरल होने लगा. इसके बाद कलेक्टर ने टीचर पर एक्शन ले लिया.
टीचर ने बताया स्कूल आने में क्यों होती है देरी
अक्सर इंसान को किसी जगह पहुंचने में देरी हो जाती है. लेकिन इस देरी की अपेक्षा उन लोगों से नहीं की जाती जो किसी विशिष्ट पद पर होते हैं. जैसे अगर कोई सरकारी दफ्तर सुबह 10 बजे खुलने है. तो उसे खोलने वाला कर्मचारी अगर 10 बजे ना पहुंचे, तो फिर यह अपराध है. इसके लिए उस पर करवाई होती है. सरकारी शिक्षकों के लिए भी यह नियम लागू है. और इसी नियम को सख्ती से लागू किया जमुई के डीएम ने. तो यह नवीन प्राथमिक विद्यालय मेदनीपुर के शिक्षक प्रभात रंजन को नागवार गुजरा.उन्होंने एक वीडियो पोस्ट करके बताया कि ऐसे कई कारण होते हैं जिन वजह से स्कूल आने में देरी हो जाती है. सड़कों पर जाम होता है, रेलवे फाटक बंद होता है. कभी गाड़ी का टायर पंचर हो जाता है. इन सभी वजहों से 40 से 45 मिनट लग जाते हैं. वीडियो के आखिर में टीचर कहते हैं कि अगर आप टीचर्स को अधिक समय नहीं दे सकते तो फिर उनकी पोस्टिंग वहां कर दीजिए जहां उनका घर है.
डीएम ने 24 घंटे में मांगा जवाब
जब वीडियो वायरल हुआ और जमुई के कलेक्टर के पास पहुंचा तो डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट राकेश कुमार ने इसे अनुशासनहीनता का मामला कहा. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि शिक्षण कार्य संस्कृति के कंडक्ट के खिलाफ है यह वीडियो. उन्होंने शिक्षक प्रभात रंजन को इस मामले पर अपनी सफाई देने के लिए 24 घंटे का समय दिया है. नहीं तो फिर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी उन्हें निलंबित तक किया जा सकता है. ये समस्या किसी एक जिले प्रदेश या मास्टर की नहीं हैं देश भर में ऐसी परिस्थिति से कर्मचारी गुजरते ही होंगे लेकिन ज्यादातर को बहाना मान लिया जाता है ऐसे में जो छवि बनी है वो बहानेबाज़ी की है जिसको सुधारने की ज़रूरत है।