Parenting Tips बच्चों की परवरिश करना एक अलग बात है और टीनएज बच्चों को संभालना एक अलग बात है। माना कि बच्चों को पालना आसान काम नहीं है लेकिन अगर बात टीनएज बच्चों को संभालने की हो, तो चुनौतियां और मुश्किलें और भी बढ़ जाती हैं। इस उम्र के बच्चे समझदार हो जाते हैं और अब उनका अपना एक अलग नजरिया और विचार होते हैं।टीनएज बच्चों के व्यवहार पर मां-बाप को बारीकी से नजर रखनी चाहिए और देखना चाहिए कि उनके बिहेवियर में क्या बदलाव आ रहे हैं। यहां हम आपको टीनएज बच्चों के कुछ ऐसे व्यवहार के बारे में बता रहे हैं जिन्हें मां-बाप को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
बिहेवियर में अचानक से बदलाव आना Parenting Tips
अगर आपका टीनएज बच्चा अचानक से चिड़चिड़ा हो जाता है, मूडी बिहेव करने लगता है या खुद को दूसरों से अलग कर लेता है, तो यह किसी समस्या का संकेत हो सकता है। बच्चे का गुस्सा अचानक से बढ़ना, उसमें एंग्जायटी होना या किसी ऐसी एक्टिविटी में उसकी दिलचस्पी कम होना जिसमें पहले उसे बहुत मजा आता था, सही नहीं है। पेरेंट्स को इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
पढ़ाई में परफॉर्मेंस कमजोर होना
स्कूल की पढ़ाई में मन न लगना या अचानक से नंबर कम आना या ध्यान लगाने में दिक्कत होना किसी समस्या की ओर इशारा कर सकता है। अगर आपके बच्चे को कोई परेशानी हो रही है तो आप उससे इस बारे में बात करें और उसकी मदद करने की कोशिश करें।
खुद को चोट पहुंचा रहा है
काटने, जलने या खुद को चोट पहुंचाने का कोई भी तरीका आपको बता सकता है कि आपके बच्चे को मदद की जरूरत है। यदि बच्चे को चोट लगी है और वो इसकी वजह नहीं बता पा रहा है या आपको लग रहा है कि उसे कोई इमोशनल प्रॉब्लम हुई है, तो आप उससे बात करने की कोशिश करें। यदि आपका किशोर मृत्यु, आत्महत्या या निराशा के विचार व्यक्त करता है, तो तुरंत किसी प्रोफेशनल की मदद लें।
कोई ईटिंग डिसऑर्डर है
खानपान से संबंधित आदतों जैसे कि अचानक से वजन बहुत ज्यादा गिरना या बढ़ना, खाने को लेकर ऑब्सेसिव हो जाना ईटिंग डिसऑर्डर का संकेत कर सकता है। अगर आपको अपने टीनएज बच्चे की ईटिंग हैबिट्स या बॉडी इमेज को लेकर कोई बड़ा बदलाव नजर आ रहा है, तो आप एक बार उससे बात कर के जरूर देखें।
खुद को अलग कर लिया है
दोस्तों और परिवार से खुद को दूर कर लेना, अकेले में ज्यादा समय बिताना या लोगों की भीड़ से खुद को दूर रखना किसी मानसिक समस्या का संकेत हो सकता है। अगर आपके टीनएज बच्चे ने खुद को अकेला कर लिया है, तो आपको उससे इस बारे में बात करनी चाहिए और उसकी परेशानी को जानने के बाद उसकी मदद करने की कोशिश करनी चाहिए।टीनएज बच्चे भले ही समझदार हो जाते हैं लेकिन फिर भी उनमें इतनी समझ नहीं होती है कि वो सही और गलत की पहचान कर सकें। उन्हें अब भी अपने पेरेंट्स के सहयोग और मार्गदर्शन की जरूरत होती है।