चंडीगढ़। मौजूदा समय में चिकित्सा क्षेत्र में यातायात को लेकर आने वाली समस्याओं को दूर करने में इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी अहम भूमिका निभा रही है। इसी कड़ी में ड्रोन का उपयोग कर दवा व अन्य जरूरी चिकित्सकीय चीजों को सुदूर स्थानों तक सुगमता से पहुंचा जा रहा है। अब पीजीआई प्रयास कर रहा है कि इसकी मदद से अंगदान अभियान को भी रफ्तार दी जा सके। ड्रोन के माध्यम से अंग को दूसरे स्थान तक भेजने की प्रक्रिया को कम समय में और बेहद आसानी से ग्रीन कॉरिडोर की मदद लिए बिना पूरा करने पर फोकस किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही पीजीआई में यह सुविधा शुरू हो जाएगी। यह जानकारी पीजीआई के टैली मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉक्टर बीमन सैकिया ने पीजीआई में वर्चुअल हेल्थ केयर और आई पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में दी। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में अंग को दूसरे शहर या प्रदेश भेजने के लिए ग्रीन कॉरिडोर की मदद ली जाती है, जिसमें अस्पताल के साथ ही ट्रैफिक व पुलिस विभाग को मिलकर काम करना पड़ता है। वहीं, अगर ड्रोन के माध्यम से यह कार्य शुरू हो जाएगा तो समय बचाने के साथ ही सीमित मानव संसाधन में बेहतर परिणाम प्राप्त किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि जिन स्थान पर ब्लड बैंक उपलब्ध नहीं हैं वहां ड्रोन के माध्यम से खून की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जा रही है। वहीं, पीजीआई प्रयास कर रहा है कि जो जांच अन्य जगहों पर उपलब्ध नहीं है उसके नमूने वह ड्रोन के माध्यम से मंगाकर इसकी रिपोर्टिंग समय पर कर सके। ऐसा कर वह दूरदराज के इलाकों की जनता को भी लाभान्वित कर सकता है। कार्यक्रम में उपस्थित स्वास्थ्य मंत्रालय के ई हेल्थ क्षेत्र के संयुक्त सचिव मधुकर कुमार भगत ने बताया कि ड्रोन की सुविधा जैम पोर्टल के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं में प्रदान करने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। इसके अंतर्गत एम्स ऋषिकेश, बिलासपुर और गुवाहाटी में सुविधा संचालित की जा रही है। पीजीआई भी इस सुविधा के अंतर्गत लाभान्वित हो सकता है। वहीं, उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में 5 किलो भार वहन करने वाले व 100 किलोमीटर के दायरे वाले ड्रोन की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसकी क्षमता और दायरा बढ़ाने पर भी फोकस किया जा रहा है जिससे ज्यादा से ज्यादा सुविधा विस्तार किया जा सके। सम्मेलन में यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुनील श्राफ ने बुद्धिमान चिकित्सा, कैसे एआई स्वास्थ्य सेवा के भविष्य को आकर दे रहा विषय पर व्याख्यान दिया। वहीं, डॉक्टर आलोक मोदी ने स्वास्थ्य सेवा में एआई से उत्पन्न नैतिक आयाम और चुनौतियों पर चर्चा की। जबकि डॉ. किम आर ने नेत्र विज्ञान में एआई से मिलने वाली सफलता के बारे में बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पीजीआई के पूर्व निदेशक डॉ. केके तलवार ने की।
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