Mobile Addiction : सुबह सुबह मोबाइल – न बाबा न !

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Mobile Addiction  आज के दौर में मोबाइल हमारी जरूरत बन गया है, लेकिन क्या यह ज़रूरी है कि यह हमारे जीवन पर पूरी तरह से हावी हो जाए? खासकर सोशल मीडिया की दुनिया में, मोबाइल एडिक्शन एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। लोग अपनी बहुमूल्य घंटों को रील्स और वीडियो में बर्बाद कर रहे हैं, जो न सिर्फ़ मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। खुश और संतुलित जीवन जीने के लिए, हमें मोबाइल और सोशल मीडिया से दूर रहने की कला सीखनी होगी।

नींद खुलते ही मोबाइल देखने से सेहत को 5 नुकसान Mobile Addiction

 

कहां से करें शुरुआत?

सुबह उठते ही सबसे पहले मोबाइल देखने की आदत को बदलना जरूरी है। यह काम रातों-रात नहीं होगा, लेकिन धीरे-धीरे बदलाव लाया जा सकता है। अगर परिवार का एक सदस्य भी इस दिशा में पहल करता है, तो बाकी लोग भी प्रेरित होंगे। इसके अलावा, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सोने से एक घंटे पहले मोबाइल का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। रात में नोटिफिकेशन बंद रखने से भी आपको बेहतर नींद मिलेगी और तनाव कम होगा।

नींद खुलते ही मोबाइल देखने से सेहत को 5 नुकसान

जब हम सुबह-सुबह नींद खुलते ही फोन देखते हैं तो एकसाथ अपने दिमाग में इतनी सारी खबरें या जानकारियां स्टोर करने लगते हैं कि दिन के समय काम करने में मुश्किल होने लगती है। दिन में आपको ब्रेन का फंक्शन तेज और बेहतर चाहिए होता है, लेकिन सुबह की इस आदत से ब्रेन प्रभावित हो जाता है।

सुबह-सुबह फोन देखने के कुछ अन्य नुकसान भी हैं, जैसे:
1. नींद की कमी

सुबह उठते ही मोबाइल फोन चलाने से आपको नींद की कमी हो सकती है, जिससे आप दिनभर थकान और आलस्य महसूस कर सकते हैं।

2. आंखों पर दबाव

सुबह उठते ही मोबाइल फोन चलाने से आपकी आंखों पर दबाव पड़ता है, इससे आंखों में दर्द और थकान हो जाती है।

3. गर्दन और पीठ का दर्द

नींद खुलते ही मोबाइल फोन चलाने से गर्दन और पीठ में दर्द हो सकता है, खासकर अगर आप सुबह उठकर बिना आंखें धोएं, बिना प्राकृतिक रोशनी लिए लंबे समय तक बिस्तर पर लेटकर फोन चलाते हैं। इन नुकसानों को ध्यान में रखते हुए, सुबह उठते ही मोबाइल फोन चलाने की आदत को बदलना उचित होगा। इसके बजाय, आप अपने दिन की शुरुआत व्यायाम, ध्यान लगाना, योग करना या फिर अखबार पढ़ने से भी कर सकते हैं।

इसके कई लक्षण हो सकते हैं जैसे चिड़चिड़ापन, घबराहट, नींद की कमी, और अनावश्यक तनाव। इन समस्याओं से निपटने के लिए हमें खुद से वादा करना होगा कि हम धीरे-धीरे मोबाइल के उपयोग को सीमित करेंगे।स्वस्थ जीवन के लिए बदलाव जरूरी मोबाइल एडिक्शन एक गंभीर समस्या बन गई है, खासकर बच्चों के बीच। यह उनकी आंखों पर बुरा असर डालता है, जिससे जलन और दृष्टि में कमी आ सकती है। इसलिए मोबाइल के उपयोग का समय तय करें और जब जरूरत हो, तभी उसका इस्तेमाल करें। अगर नींद नहीं आ रही है, तो मोबाइल को बिल्कुल हाथ में न लें।

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