Gen Beta Kids पीढ़ी दर पीढ़ी होने वाली एक घटना में देश के पहले ‘जनरेशन बीटा’ का जन्म साल 2025 में हुआ. पहली जनवरी 2025 को रात 12:03 बजे मिजोरम के आइजोल में बेबी फ्रेंकी नाम के बच्चे का जन्म हुआ. जाहिर है कि बेबी फ्रेंकी न केवल 2025 में भारत का पहला नवजात शिशु ही नहीं. बल्कि अपनी पीढ़ी का भी पहला बीटा बच्चा है.
‘जनरेशन बीटा’ के पहले बच्चे का जन्म मिज़ोरम में Gen Beta Kids
दरअसल, 1 जनवरी 2025 से जन्मे बच्चों को ‘जेनरेशन बीटा’ कहने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीकी विकास के युग में पले-बढ़ेंगे. जिसे आमतौर पर जेन बीटा के नाम से जाना जाता है. साथ ही पिछली बार जब दुनिया में पीढ़ीगत बदलाव हुआ था, तो वह 2010 में हुआ था. जब जेन अल्फा बच्चे पैदा हुए थे. यह जेनरेशन एक ऐसी दुनिया में पलेगी, जहां टेक्नोलॉजी न केवल जीवन का हिस्सा होगी, बल्कि हर पहलू को गहराई से प्रभावित करेगी.
साल 1981-1996 के बीच पैदा हुई पीढ़ी को मिलेनियल जनरेशन या जनरेशन Y कहा जाता है. इसके अलावा जनरेशन Z या iGen वे लोग हैं जो 1997-2010 के बीच पैदा हुए हैं. साथ ही, जनरेशन अल्फा वे लोग हैं जो 2010-2024 के बीच पैदा हुए हैंभारत में ‘जेनरेशन बीटा’ के पहले बच्चे का जन्म मिजोरम में हुआ है. बच्चे का नाम फ्रेंकी रखा गया है और उसके पिता का नाम जेड्डी रेमरुअत्संगा और मां का नाम रामजिरमावी है. बच्चे का जन्म 1 जनवरी लगने के 3 मिनट बाद ही यानी 12:03 पर हुआ.जेनरेशन बीटा उस पीढ़ी को कहा गया है, जो इंटरनेट से जुड़ी तमाम सुविधाओं के बीच पैदा हुई है और जिनके लिए हर सुविधा महज एक क्लिक की दूरी पर ही है.
बीटा पीढ़ी वाले बच्चे को विरासत में जलवायु परिवर्तन, अधिक जनसंख्या और पर्यावरणीय समस्याओं से जूझते हुए समस्या विरासत में मिलेगी. किसी भी जेनरेशन का नाम उसके समय की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और तकनीकी घटनाओं पर निर्भर करता है. इस जेनरेशन की अवधि आमतौर पर 15-20 साल होती है. इसकी शुरुआत और अंत युद्ध, आर्थिक बदलाव या टेक्नोलॉजी में क्रांति से जुड़ी होती है.