Child labour in Rishikesh : ऋषिकेश में महापाप की तस्वीरें देखिये , World Fame Yatra 22

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Child labour in Rishikesh दुनिया भर में उत्तराखंड की चार धाम यात्रा का विशेष महत्व है। धामी सरकार भी प्रदेश की ब्रांडिंग की पूरी कोशिश कर रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो या प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बीते कुछ दिनों से पूरी की पूरी सरकार चार धाम यात्रा को सफल सुरक्षित और सुखद बनाने के लिए जुटी हुई है।

Child labour in Rishikesh चार धाम यात्रा में महापाप की तस्वीरें

Child labour in Rishikesh
Child labour in Rishikesh
  • Child labour in Rishikesh कई मंत्री भी बद्रीनाथ , केदारनाथ , यमुनोत्री और गंगोत्री के लिए उत्तराखंड आने वाले देश दुनिया के श्रद्धालुओं को सुखद एहसास कराने का पूरा प्रयास भी कर रहे हैं। अगर आप चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड आ रहे हैं तो सबसे पहले आपको ऋषिकेश पहुंचना होगा ,  जहां उत्तराखंड पर्यटन विभाग , उत्तराखंड रोडवेज और प्रदेश सरकार की तरफ से चार धाम यात्रा के लिए विशेष कैंप और अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
Child labour in Rishikesh
Child labour in Rishikesh
  • Child labour in Rishikesh यहां पर आपको स्वास्थ्य ,  खानपान , ट्रांसपोर्टेशन और जनरल इंक्वायरी के लिए बनाए गए विंडोस मिल जाएंगे।  ऐसे में इस बेहद अहम ऋषिकेश बस अड्डे के पड़ाव पर एक तरह से मिनी हिंदुस्तान का नजारा दिखाई देता है। आंध्र प्रदेश , बिहार , मध्य प्रदेश , गुजरात , यूपी , दिल्ली , पंजाब , तमिलनाडु  देश के हर राज्यों से यहां पर सैकड़ों बस पहुंच रही हैं और जिनमें आ रहे हैं चारधाम यात्री और श्रद्धालु …. 
Child labour in Rishikesh
Child labour in Rishikesh
  • Child labour in Rishikesh लेकिन इस बेहद अहम पड़ाव पर कुछ ऐसे भी नजारे हमें दिखाई दिए जो बेहद हैरान करते हैं चौंकाते हैं। ये कड़वा सच  सरकार की ब्रांडिंग पर बट्टा लगा रहा  है।  ऋषिकेश बस अड्डे के दौरे पर जब हमने वहां की व्यवस्थाओं को समझने की कोशिश की तो बड़े पैमाने पर 10 से 12 साल के बच्चे वहां पर बाल मजदूरी करते नजर आए।
Child labour in Rishikesh
Child labour in Rishikesh

  • Child labour in Rishikesh  आप सोच रहे होंगे पुण्य के इस अनुष्ठान में बाल मजदूरी जैसा पाप क्यों ? तो हम आपको यह साफ कर दें कि यह छोटे-छोटे बच्चे अलग-अलग गांव से आकर पूरे दिन बस अड्डे पर रोजमर्रा की चीजें बेचते हैं , यात्रियों द्वारा फेंकी गई पानी की बोतलों को इकट्ठा करते हैं और उनसे  100 – 200 रुपये रोजाना कमाते हैं। हमारा मकसद इन बच्चों को उनके आमदनी से दूर करना नहीं बल्कि राज्य सरकार की आंख खोलना है। व्यवस्था में लगाए गए अधिकारियों को जगाना है। क्योंकि चार धाम यात्रा न सिर्फ देवभूमि उत्तराखंड की बल्कि देश में श्रद्धा और आस्था का अंतरराष्ट्रीय आयोजन भी है।  

Child labour in Rishikesh
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  • Child labour in Rishikesh लिहाजा यह एक अवसर है जब प्रदेश खुद को एक  ब्रांड के तौर पर स्थापित करता है।  प्रदेश सरकार जब एड़ी चोटी का जोर लगाकर चार धाम यात्रा को लोकप्रिय और हाईटेक बनाने के लिए जुटी हुई हो तो ऐसे में बच्चों की ऎसी तस्वीरें सामने आना किसी महापाप से कम नहीं है।
Child labour in Rishikesh
  • Child labour in Rishikesh हमारी कोशिश है कि बेहद गंभीरता से यात्रा व्यवस्था को सुधारने और श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर सीधे मॉनिटरिंग कर रहे देहरादून के जिलाधिकारी , पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या के साथ साथ ऋषिकेश बस अड्डे पर यात्रा व्यवस्था सम्हाल रहे जिम्मेदार अधिकारी इन तस्वीरों पर संज्ञान लें ताकि प्रदेश में आ आ रहे सैलानियों के बीच इस तरह की अफसोसनाक तस्वीरें कम से कम चार धाम यात्रा में तो हरगिज़ नजर ना आए , जिससे युवा धामी सरकार पर कोई सवाल खड़ा कर सकें। 

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